अमेरिका (United State of America) पूरे देश में अपनी ताकतवर छवि, राजनीतिक और सैनिक क्षमता की वजह से जियो पॉलिटिक्स के केंद्र में रहता है जब हम यहां पर अमेरिका की बात करते हैं तो हमारा तात्पर्य अमेरिका देश से है उत्तरी अमेरिका महाद्वीप का भाग है दरअसल अमेरिकी महाद्वीप को दो भागों में बांटा जाता है|उत्तरी अमेरिका तथा दक्षिणी अमेरिका
इस महाद्वीप में कुल 35 देश है जिसमें कनाडा और यूएसए को एंग्लो अमेरिका तथा बाकी देशों को लैटिन अमेरिका कहा जाता है अमेरिकी महाद्वीप का कोई प्राचिन इतिहास उपलब्ध नहीं है क्योंकि यह महाद्वीप तब तक लोगों के लिए अनजान था |
अमेरिकी क्रांति क्या है?
15 वीं शताब्दी में जब यूरोप के नाविक व व्यापारियों ने यूरोप के बाहर अपने पांव पसारने शुरू किए तब नई बस्तियों के तलाश में उन्होंने अपने समुद्री बेड़े उतारे और मानव मस्तिष्क की खोज कारी|
कोलंबस की इस खोज की चर्चा पूरे यूरोप में फैल गई जिसके बाद कई सारी यूरोपी शक्तियों ने इस अमेरिकी महाद्वीप की तरफ बढ़ना प्रारंभ कर दिया और उत्तरी अमेरिका में स्पेन ,पोलैंड, फ्रांस और इंग्लैंड जैसे देशों ने अपनी कॉलोनी यह उपनिवेश बना लिए |
उत्तरी अमेरिका की इस धरती पर मूल रूप से कई सारी जनजातियां रहती थी जिन्हें रेड इंडियंस कहा जाता था | यूरोप से आए इन लोगों ने उत्तरी अमेरिका के इस पूर्वि भाग का नाम न्यूफाउंडलैंड या नई पाई गई जमीन रख दिया जो वर्तमान समय में कनाडा का भाग है |
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सन 1606 ईस्वी में क्रिस्टोफर न्यू फोर्ड के नेतृत्व में 120 अंग्रेजों ने वर्जिनियां क्षेत्र के जेम्स नदी के किनारे जैम्सटाउन नामक बस्ती की स्थापना की यह अमेरिका में पहली अंग्रेजी बस्ती थी जो लंदन कंपनी के द्वारा स्थापित की गई थी |
जैम्सटाउन के स्थापना के बाद अंग्रेजों ने धीरे-धीरे और भी बस्तियां स्थापित की उपनिवेशवाद का यह वह समय था जब इंग्लैंड और फ्रांस दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अपनी श्रेष्ठता का कायम करने में लगे हुए थे| इसी कटता ने इंग्लैंड और फ्रांस के बीच युद्ध करा दिया यह युद्ध लगभग 7 वर्षों तक यानी 1756 से लेकर 1763 तक चला |
अमेरिकी क्रांति से पहले अमेरिका की स्थिति क्या थी
इंग्लैंड एवं स्पेन के बीच 1588 ईस्वी में भीषण नौसैनिक की युद्ध में स्पेन की हार के के बाद इंग्लैंड ने 1775 ई. तक अमेरिका में 13 ब्रिटिश उपनिवेश बसा दिए .उपनिवेशो को भौगोलिक दृष्टि से तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है |
1 उत्तरी भाग में
- मेचासुसेद्ध, न्यु हैम्पशायर, रोडस् द्वीप यह पहाड़ी और बर्फीले क्षेत्र थे, कृषि के लायक ना थे इंग्लैंड को यहां मछली और लकड़ी प्राप्त होती थी
2 मध्य भाग
- न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी, मैरीलैंड आदि भाग थे इन क्षेत्र में शराब और चीनी जैसे उद्योग थे |
3 दक्षिणी भाग
- उत्तरी कैरोलिना, दक्षिणी कैरोलिना ,जॉर्जिया, वर्जीनिया आदि थे यहां की जलवायु गर्म थी खेती के लिए उपयुक्त इस क्षेत्र में अनाज गन्ना तंबाकू कपास और भगाने फसलों का उत्पादन होता था
- इस उपनिवेश ओं में 90% अंग्रेज और 10% डच जर्मन फ्रांसीसी पुर्तगाली आदि थे इस तरह यह पश्चिमी दुनिया तथा नई दुनिया दोनों का हिस्सा था
यूरोपियों के अमेरिका में बसने के कारण
धार्मिक कारण
- यूरोप में धर्म सुधार, आंदोलन प्रोटेस्ट, धर्म का प्रचार, धर्म युद्ध तथा जेम्स प्रथम और चार्ल्स प्रथम की धार्मिक असहिष्णुता की नीति से अंग्रेज अमेरिका की ओर भागना सुरु किये |
आर्थिक कारक
- औद्योगिकरण के साथ-साथ इंग्लैंड भी स्पेन की तरह उपनिवेश बनकर धन कमाना चाहता था | ब्रिटेन में बहुत किसान भूमिहीन हो गए और वे अमेरिका जाकर आसानी से मिलने वाली भूमि को साधारण मूल्य पर खरीदना चाहते थे |
- भूमिहीन कृषकों के साथ-साथ भिखारियों एवं अपराधियों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही थी | अतः उन्हें अमेरिका भेजना उचित समझा गया उसी प्रकार आर्थिक कठिनाइयों से त्रस्त लोगों को ब्रिटिश कंपनियों अपने खर्च पर अमेरिका ले जाती और उसे मजदूरी करवाती थी |
अमेरिकी क्रांति के कारण

स्वतंत्रता की चेतना
जातीय समानता : ब्रिटिश और अमेरिकी दोनों ही मूल रूप में अंग्रेजी थे स्वतंत्रता समानता से परिचित थे |
सामाजिक भिन्नता : इंग्लैंड सामंतवादी रूढ़िवादी और कृतिम जबकि अमेरिका जनतंत्रमक, मौलिक और आदर्शवादी था
ब्रिटिश सरकार का सीमित हस्तक्षेप :गौरवशाली क्रांति, रक्तहीन क्रांति,1688 राजतंत्र एवं संसद के बीच निरंतर संघर्ष, युग नेतृत्व एवं निरंतर संपर्क का अभाव |
धार्मिक मतभेद : रोमन कैथोलिक और बनाम प्रोटेस्ट का संघर्ष |
सरकारी पदों पर दोषपूर्ण नियुक्ति : उच्च सरकारी पदों पर केवल इंग्लैंड निवासी ही नियुक्त के योग्य होते थे
दोषपूर्ण शासन
राजनैतिक कारक : शासन संचालन गवर्नर के द्वारा होता था गवर्नर की परिषद के सदस्य विशेष लोगों द्वारा चुने जाते थे जिन्हें कानून बनाने का अधिकार तो था परंतु गवर्नर उसके निर्णय को बदल सकता था |
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बुद्धिजीवी वर्ग का नेतृत्व : बेंजामिन फ्रैंकलीन ,थॉमस जेफरसन, जेम्स विल्सन ,जॉन ऐडम्स ,थॉमस पेन, जेम्स ओटि,स सैमुअल ऐडम्स आदि ने मातृ देश के प्रति उपनिवेशो प्रतिरोध का औचित्य बताया | जॉन लॉक, जॉन मिल्टन ,जेफरसन ,रूसो वॉल्टियर जैसे दार्शनिक का प्रभाव उपनिवेश वासियों पर पड़ा था | थॉमस पेन जेम्स ओटिस जैसे लेखकों ने राजा के देवी अधिकारो के विरुद्ध आवाज उठाई इससे भी लोगों में जागरुक आया |
सप्त वर्षीय युद्ध 1756 से 1763: फ्रांस के विरुद्ध युद्ध से अमेरिकी सैनिक का आत्मविश्वास बढ़ा. कनाडा के ब्रिटिश नियंत्रण में आने से फ्रांस के हमले का संकट समाप्त हो गया |
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मूल निवासियों रेड इंडियंस के लिए आरक्षित क्षेत्र :1763 अमेरिकी अब पश्चिम की ओर बढ़ना चाहते थे और इस क्षेत्र के मूल निवासी रेड इंडियंस को खदेड़ देना चाहते थे|अंत: वहां संघर्ष हुआ इंग्लैंड ने फ्लोरिडा मिसिसिपी आदि पश्चिमी के क्षेत्र रेड इंडियन के लिए सुरक्षित कर दिया इस उपनिवेश वासियों का पश्चिमी की ओर प्रसार रुक गया और वे इंग्लैंड की सरकार को अपना शत्रु समझने लगे|
व्यापारिक और औद्योगिक प्रतिबंध
नव परिवहन कानून: इंग्लैंड और उपनिवेशो के बीच तथा उपनिवेशो एवं अन्य यूरोपीय देशों के बीच वस्तुओं का आयात निर्यात ब्रिटिश जहाजों के द्वारा ही होता था |
औद्योगिक कानून: अमेरिकी, इंग्लैंड के साथ व्यापारिक प्रतिद्वंदिता नहीं कर सकते थे| 1689 के कानून द्वारा उपनिवेश उसे उनी माल तथा 1732 ईसवी के कानून द्वारा टोपों का निर्यात बंद कर दिया गया और इंग्लैंड के शत्रु देशों के साथ अमेरिकी व्यापारिक संबंध कायम कर सकते थे अमेरिकी तांबा लोहा सूती कपड़ों जैसी आवश्यक वस्तुओं का उधोग स्थापित नहीं कर सकते थे|
शासकों की नीतियां
- ग्रेनविले की नीति: सप्त वर्षीय युद्ध आर्थिक संकट अमेरिका से आने वाली आय व्यय का ब्यौरा ब्रिटेन को अपेक्षित आए नहीं
- पुराने कानूनों का कड़ाई से पालन
- चोर बाजारी संबंधी मामलों की जांच के लिए ऐड मिलिट्री कोर्ट की स्थापना
- नई कारों का आरोपण
- टाउनसेंड की नई कार योजना 1767
लॉर्ड नॉर्थ की चाय नीति 1773
बोस्टन चाय पार्टी की घटना 1773 अब पहले की भांति कंपनी के जहाजों को इंग्लैंड के बंदरगाहों पर आने और चुंगी देने की आवश्यकता नहीं थी 16 दिसंबर 1763 को सैमुअल ऐडम्स के नेतृत्व में बोस्टन बंदरगाह पर ईस्ट इंडिया कंपनी के जहाज पर भरी हुई चाय की बेटियों को समुद्र में फेंक दिया गया | जिसे ही बोस्टन टी घटना कहते है |
अमेरिकी क्रांति की प्रमुख घटनाएं
स्टांप एक्ट 1765 : अखबारों कानूनी कागजात ओ बंधक संबंधी दस्तावेजों और स्तरों पर सरकारी टिकट लगाना अनिवार्य
बोस्टन चाय पार्टी 1773: 1763 ईस्वी में जब अंग्रेजी जहाज चाय की खेप लेकर बोस्टन बंदरगाह पर पहुंचा तो अमेरिका के निवासी ने रेड इंडियन के भूसा में चाय पर लगने वाले कर के विरोध में चाय की बेटियों को समुद्र में फेंक दिया यह घटना बोस्टन टी पार्टी के नाम से प्रसिद्ध है |
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बोस्टन हत्याकांड 1770 से 1773 :1770 -1773 ईस्वी के बीच में बोस्टन नगर में अमेरिकी नागरिकों एवं अंग्रेज सैनिकों के बीच हुए संघर्ष की सरकार के आदेश पर अमेरिकी नागरिकों को गोलियों से भून दिया गया |
फिलाडेल्फिया सम्मेलन: प्रथम महाद्वीपीय सम्मेलन 1774 बिना उपनिवेशो के सहमति के उन पर किसी प्रकार का करना लगाया जाए ब्रिटिश सरकार ने इसे क्रांति का प्रतीक मानकर इस का दमन करने लगी जिसके परिणाम स्वरूप 1775 ईस्वी में अमेरिकियों ने अंग्रेज के विरुद्ध आंदोलन आरंभ कर दिया |
द्वितीय महाद्वीपीय सम्मेलन1776 : 4 जुलाई 1776 दूसरा महाद्वीपीय सम्मेलन से पूर्व स्वतंत्रता की प्राप्ति की घोषणा स्वतंत्रता संग्राम का आरंभ| अमेरिकी स्वतंत्रता की घोषणा और स्वाधीनता संग्राम का आरंभ 4 जुलाई 1776 ईस्वी को अमेरिका ने स्वतंत्रता की घोषणा कर दी और इसी के साथ स्वतंत्रता आंदोलन का प्रारंभ हो गया |
विदेशी शक्तियों का सहयोग: फ्रांस सप्त वर्षीय युद्ध का बदला और स्पेन जिब्राल्टर इंग्लैंड से वापस लेना चाहता था | 1780 में हॉलैंट भी इंग्लैंड के विरुद्ध युद्ध में शामिल हो गया क्योंकि हॉलैंड सुदूर पूर्व एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में अपनी शक्ति बढ़ाने के कारण उद्देश्य से इंग्लैंड को अंध महासागर में फंसाए रखना चाहता था | रूस, डेनमार्क और स्वीडन ने भी हथियारबंद तथा युद्ध की घोषणा कर दी
अमेरिकी क्रांति का भारत पर क्या प्रभाव पड़ा
- अमेरिकी क्रांति से सीख लेकर ब्रिटेन में भारतीय उपनिवेश के आंतरिक मामलों में आरंभिक चरण से सक्रिय हस्तक्षेप जारी रखा और वहां के निवासियों के स्वतंत्रता को सीमित रखा|
- सहायक संधि एवं विलय की नीति के माध्यम से भारत के आंतरिक मामलों में ब्रिटिश हस्तक्षेप किया गया एवं फूट डालो तथा शासन करो की नीति अपनाकर भारतीय वर्गों को अलग अलग रखा गया|
- इस तरह अमेरिकी स्थितियों से सीख लेते हुए भारत में उन स्थिति को उत्पन्न किया गया जिससे लोग बैठे रहे और अपने बेसिक साम्राज्य पर ब्रिटिश साम्राज्य की पकड़ बनी रहे|
- इस तरह हम कह सकते हैं कि अमेरिकी स्वतंत्रता युद्ध ने ब्रिटिश को एक साम्राज्य से तो वंचित कर दिया लेकिन एक दूसरे साम्राज्य की नींव को मजबूत कर दिया|
अमेरिकी क्रांति में इंग्लैंड की असफलता के कारण
- विशाल युद्ध स्थल : अमेरिकी तट इतना अधिक विस्तृत था कि ब्रिटिश नौसेना प्रभावहीन हो गई और इंग्लैंड के यूरोपीय शत्रुओं उपनिवेशो का पक्ष लिया और युद्ध क्षेत्र और भी वृत्र हो गया |
- युद्ध स्थल का इंग्लैंड से अत्यधिक दूर होना : उपनिवेश योग की शक्ति का इंग्लैंड द्वारा गलत अनुमान लगाया गया
- विदेशी सहायता फ्रांस स्पेन हॉल इन ने इंग्लैंड के विरुद्ध अमेरिकियों का साथ दिया | रूस ,डेनमार्क और स्वीडन ने भी हथियारबंद तथा युद्ध की घोषणा कर दी |
अमेरिका में स्वतंत्रता संग्राम के प्रभाव ?
- स्वतंत्र प्रजातांत्रिक गणराज्य की स्थापना, संयुक्त राज्य अमेरिका ने विश्व के समक्ष 4 नए राजनीतिक आधार गणतंत्र ,लोकतंत्र, संघवाद संविधानवाद को प्रस्तुत किया|
- धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना, नए संविधान के अनुसार चर्च को राज्य से अलग किया गया |
- सामाजिक प्रभाव, मानवीय समानता पर विशेष बल दिया गया|
- स्त्रियों को संपत्ति पर पुत्र के समान को अधिकार प्राप्त हुआ और उसकी शिक्षा के लिए स्कूलों की स्थापना की गई
- इस तरह की उनकी सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ क्रांति से मध्यम वर्ग की शक्ति बढ़ी|
- क्रांति में आर्थिक क्षेत्र में मूल्यत: मुक्त व्यापार की नीति और पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के विकास के मार्ग में सभी बाधाओं को समाप्त कर इसके विकास को प्रोत्साहित किया|
अमेरिकी क्रांति का इंग्लैंड पर प्रभाव
- इंग्लैंड द्वारा नए उपनिवेशो की स्थापना जैसे ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैंड में उपनिवेश की स्थापना |
- इंग्लैंड की औपनिवेशिक नीति में परिवर्तन,
- ब्रिटिश सरकार ने अमेरिकी क्रांति से सीख लेते हुए अब उपनिवेश के प्रति उदारवादी नीति एवं अश्वेत उपनिवेशन के प्रति कठोर नियंत्रण की नीति अपनाई
- परिवर्तित नीति के आधार पर ही 19वीं और 20वीं शताब्दी में ब्रिटिश सरकार ने ब्रिटिश कॉमनवेल्थ नेशंस अर्थात ब्रिटिश राष्ट्रमंडल की स्थापना की
- इंग्लैंड द्वारा वर्जीनी वादी सिद्धांत का प्रत्याशी उपनिवेश उसके जाने के बाद इंग्लैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका में पहले से भी अधिक बीमार होने लगा तो अधिकांश देशों का वर्जीने सिद्धांत से विश्वास उठ गया स्वयं इंग्लैंड ने भी इस नीति का परित्याग कर दिया और मुफ्त व्यापार की नीति को अपनाया |
अमेरिकी क्रांति का फ्रांस पर प्रभाव
- इस युद्ध में फ्रांस ने अमेरिका का पक्ष लिया और इस तरह सप्त वर्षीय युद्ध में ब्रिटिश के हाथों मिली पराजय का बदला लिया ,
- परंतु युद्ध के आर्थिक व्यय ने फ्रांस की स्थिति को और भी दैनिये बना दिया
- युद्ध से वापस लौटे सैनिकों ने फ्रांस में अमेरिकी क्रांति के प्रगतिशील विचारों का प्रचार किया
- आयत नामक सैनिक कमांडर ने अमेरिकी क्रांति की भावना फ्रांसिस जनमानस तक पहुंचाएं
- वस्तुतः फ्रांसी क्रांति के मुख्य सिद्धांत स्वतंत्रता समानता एवं बंधुत्व के मूल अमेरिकी संघर्ष में देखा जा सकता है
अमेरिकी क्रांति के स्वरूप क्या था
अमेरिकी स्वतंत्रता के रूप में या साम्राज्यवाद के विरुद्ध के स्वतंत्रता संग्राम तो है ही परंतु इसका प्रभाव संपूर्ण विश्व बिपरीत रूप से परा एवं इसने लिखित संविधान गणतंत्रमक शासन प्रणाली, धर्मनिरपेक्ष राज्य के स्थापना ,न्यायपालिका की स्वतंत्रता ,शक्ति पृथक्करण का सिद्धांत ,नियंत्रण एवं संतुलन का सिद्धांत, मानव अधिकार आदि जैसे प्रगतिशील विचारों से भी विश्व का परिचय कराया|
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