बल्ब का आविष्कार किसने और कब किया था

दोस्तों आज के इस आर्टिकल कुछ खास होने वाला है क्योंकि इस आर्टिकल में हम लोग पूरी विस्तार से जानेंगे कि बल्ब का आविष्कार किसने किया और कब किया था एवं उससे संबंधित सभी महत्वपूर्ण बातों को भी समझेंगे तो आप आर्टिकल को पूरा पढे ‘

आज हम बात करेंगे एक ऐसे वैज्ञानिक की जिनकी वजह से पूरी दुनिया को रोशनी मिली जी हां हम बात कर रहे हैं थॉमस अल्वा एडिसन के बारे में.

बल्ब का आविष्कार किसने किया और कब किया

थॉमस अल्वा एडिसन दुनिया के सबसे बड़े प्रयोगी वैज्ञानिक थे जिनका जन्म 11 फरवरी 1847 को अमेरिका के ओहायो राज्य में सैमुअल ऑडिशन के घर हुआ था

एडिसन ने लगभग 1093 प्रयोग किए हैं जो इनके मेहनत को दर्शाते हैं. बचपन गरीबी से गुजरने वाले  इस महान वैज्ञानिक ने हौसला ना खोया और आर्थिक तंगी के कारण स्कूल से निकलने के बाद भी अपनी पढ़ाई और ऑर्गेनिक प्रयोग जारी रखें | थॉमस समय को पैसा और मेहनत को सफलता और संतुष्टि कहते थे | बिजली के बल्ब की खोज उनकी सबसे बड़ी खोज मानी जाती है |

बिजली के बल्ब बनाने में 10000 बार से अधिक बार असफल हुए पर हार नहीं माने और अंत में बल्ब की खोज करके दुनिया को रोशन कर दिया . जब इनसे से पूछा गया कि जब आप बिजली के बल्ब खोजते समय 10 हजार बार असफल हुए तब क्या आप निराश नहीं हुए तब एडिसन ने कहा :

मैंने 10000 बार ऐसे तरीके खोजें जो काम नहीं करते

थॉमस अल्वा एडिसन
       थॉमस अल्वा एडिसन

एडिसन ने अपने सबसे पहला प्रयोगशाला सिर्फ 10 साल की आयु में बना ली थी उनकी मां ने एक ऐसी पुस्तक दी जिसमें कई सारी रासायनिक प्रयोग हुए थे एडिसन को यह पुस्तक भाग गई और उन्होंने अपने सारे पैसे रसायनों पर खर्च करके यह सारे प्रयोग कर डालें |

12 साल की आयु में थॉमस अल्वा एडिसन एक ट्रेन के डिब्बे में यात्रा कर रहे थे उस समय उनके पास कुछ रसायन थे जो ट्रेन के डिब्बे में गिर गए जिससे डिब्बे में आग लग गई और कंडक्टर ने उनको जोर से चाटा मारा जिससे उनके सुनने की क्षमता बहुत कम हो गई पर अपनी इस समस्या को उन्होंने वरदान माना उनका मानना था कि इससे काम करते समय एकाग्रता बनी रहती है

थॉमस अल्वा एडिसन को अपने बचपन में प्रयोग जारी रखने के लिए पैसों की जरूरत थी वह पैसे कमाने के लिए ट्रेन में अखबार और सब्जियां बेचते थे. 15 वर्ष की आयु में उन्होंने एक पुराना प्रिंटिंग प्रेस खरीदा एक पत्रिका बिक्री हेलार्ड छापना सुरु कर दिया | इसका संपादन खुद ही करते थे और स्टेशन और अन्य जगह पर बेचते थे |

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जब उनका प्रयोग पूरा होने का होता तो वह बिना सोए लगातार चार – चार दिन इस प्रयोग के खत्म होने तक जगे रहते थे और वह काम करते समय कई बार अपना खाना खाना भी भूल जाते थे |

सन 1879 से उन्नीस सौ तक एडिसन अपनी सारी महत्वपूर्ण खोज कर चुके थे और वह एक वैज्ञानिक के साथ साथ एक अमीर व्यापारी भी बन चुके थे. एडिशन ने अपने 8 साल और 10लाख डॉलर बिजली स्टोर करने वाली बैटरी बनाने में लगा दिए थे. जो कारों में प्रयोग होती थी |

एडिशन का प्रसिद्ध कथन है जीनियस व्यक्ति 1% प्रेरणा और 99% मेहनत से काम करता है

अपनी पहली खोज के लिए एडिशन को लगभग उस समय में लगभग $40000 मिले थे जो आज के $750000 के बराबर है |

एडिसन लगभग 18 घंटे अपनी वर्कशॉप पर काम करते हुए बिताते थे. इलेक्जेंडर ग्राहम बेल द्वारा खोजे गए टेलीफोन में एडिसन ने बहुत सारे सुधार किया और ज्यादा दूरी से बात किए जाने वाले टेलीफोन की आवाज को ज्यादा अस्पष्ट बनाया |एडिशन ने ही 1890 में पहला फिलमी कैमरा बनाया था जो कि 1 सेकंड में 25 चित्र खींच सकता था |

लाइट बल्ब का आविष्कार किसने किया

1802 में, हम्फ्री डेवी ने पहली इलेक्ट्रिक लाइट का आविष्कार किया। उन्होंने बिजली के साथ प्रयोग करके एक इलेक्ट्रिक बैटरी का आविष्कार किया । जब उन्होंने तार (coil ) को अपनी बैटरी और कार्बन के एक टुकड़े से जोड़ा, तो कार्बन चमकने लगा, जिससे प्रकाश उत्पन्न हुआ।

उनके इस आविष्कार को इलेक्ट्रिक आर्क लैंप के नाम से जाना गया । और जब यह प्रकाश का उत्पादन करता था, तो यह लंबे समय तक प्रकाश उत्पन्न नहीं करता था |

बल्ब का इतिहास 

अगले 70 सालो में, अन्य आविष्कारकों ने भी “लाइट बल्ब” बनाए, लेकिन व्यावसायिक अनुप्रयोग के लिए कोई डिज़ाइन सामने नहीं आया। अधिक विशेष रूप से, 1840 में, ब्रिटिश वैज्ञानिक वारेन डे ला रुए ने एक वैक्यूम ट्यूब में एक कुंडलित प्लैटिनम फिलामेंट संलग्न किया और इसके माध्यम से एक विद्युत प्रवाह पारित किया।

1850 में जोसेफ विल्सन स्वान नाम के एक अंग्रेजी भौतिक विज्ञानी ने एक खाली कांच के बल्ब में कार्बोनेटेड पेपर फिलामेंट्स को संलग्न करके एक “लाइट बल्ब” बनाया।

1860 तक उनके पास एक कार्यशील प्रोटोटाइप था, लेकिन एक अच्छे वैक्यूम की कमी और बिजली की पर्याप्त आपूर्ति के परिणामस्वरूप एक बल्ब बन गया, जिसका जीवनकाल प्रकाश का एक प्रभावी उत्पादक माना जाने के लिए बहुत छोटा था।

हालांकि, 1870 के बेहतर वैक्यूम पंप उपलब्ध हो गए और हंस ने प्रकाश बल्बों पर प्रयोग जारी रखा ।   में, स्वान ने एक उपचारित सूती धागे का उपयोग करके एक लंबे समय तक चलने वाला प्रकाश बल्ब विकसित किया, जिससे बल्ब के जल्दी काले होने की समस्या भी दूर हो गई।

24 जुलाई, 1874 को टोरंटो के एक मेडिकल इलेक्ट्रीशियन हेनरी वुडवर्ड और एक सहयोगी मैथ्यू इवांस द्वारा एक कनाडाई पेटेंट तैयार किया गया था। उन्होंने नाइट्रोजन से भरे कांच के सिलेंडरों में इलेक्ट्रोड के बीच रखे. कार्बन रॉड के विभिन्न आकारों के साथ अपने लैंप का निर्माण किया।

वुडवर्ड और इवांस ने अपने  लैम्प  का व्यवसायीकरण करने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहे। उन्होंने अंततः 1879 में एडिसन को अपना पेटेंट बेच दिया |

हालांकि पेटेंट ने कार्बन फिलामेंट बनाने के कई तरीकों का वर्णन किया है, जिसमें “कपास और लिनन के धागे, लकड़ी के टुकड़े, विभिन्न तरीकों से कुंडलित कागज” का उपयोग करना शामिल है, लेकिन पेटेंट दिए जाने के कई महीनों बाद तक एडिसन और उनकी टीम ने कार्बनयुक्त बांस की खोज नहीं की थी। जो फिलामेंट 1200 घंटे से अधिक समय तक चल सकता है।

इस खोज ने व्यावसायिक रूप से निर्मित प्रकाश बल्बों की शुरुआत को चिह्नित किया और 1880 में, थॉमस एडिसन की कंपनी, एडिसन इलेक्ट्रिक लाइट कंपनी ने अपने नए उत्पादण शुरू किया।

1906 – जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी लाइटबल्ब में उपयोग के लिए टंगस्टन फिलामेंट्स बनाने की एक विधि को सफल कराने वाली पहली कंपनी थी ।

एडिसन खुद जानते थे कि टंगस्टन लाइटबल्ब में फिलामेंट्स के लिए सबसे अच्छा विकल्प साबित होगा, लेकिन उनके समय में, तार को इतने अच्छे रूप में बनाने के लिए आवश्यक मशीनरी उपलब्ध नहीं थी।

बल्ब बनाने में किये गए सुधार

  • 1910 – जनरल इलेक्ट्रिक के विलियम डेविड कूलिज ने सबसे लंबे समय तक चलने वाले टंगस्टन फिलामेंट्स बनाने के लिए निर्माण की प्रक्रिया में सुधार किया।
  • 1920 का दशक – पहला फ्रॉस्टेड लाइटबल्ब का उत्पादन किया गया और कार हेडलैम्प्स और नियॉन लाइटिंग के लिए उपयोग होने लगा ।
  • 1930 का दशक – तीस के दशक में फोटोग्राफी के लिए छोटे फ्लैशबल्ब और फ्लोरोसेंट टैनिंग लैंप का आविष्कार देखा गया।
  • 1940 का दशक – पहला ‘सॉफ्ट लाइट’ लाइटबल्ब बनाया गया ।
  • 1950 का दशक – क्वार्ट्ज ग्लास और हैलोजन लाइट बल्ब का उत्पादन किया गया |
  • 1980 के दशक – नए कम वाट क्षमता वाले धातु के हेडलाइड्स बनाए गए |
  • 1990 का दशक – लंबे समय तक चलने वाले बल्ब और कॉम्पैक्ट फ्लोरोसेंट बल्ब ने अपनी शुरुआत की।

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दोस्तों उमीद करता हूं कि इस आर्टिकल में आप पूरी विस्तार से समझे होगें की बिजली का अविष्कार किसने किया एवं उससे संबंधित अन्य महत्वपूर्ण बातों को भी समझा होगा अगर आपको इस आर्टिकल में कुछ जोड़ने का सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं,